STORYMIRROR

Hemant Parihar

Others

3  

Hemant Parihar

Others

माँ

माँ

1 min
13.6K


जाने क्या छुपा कर
रखती हो तुम 'माँ' !
इन खुरदरे से,ओर
उखड़े हुए हाथों में।
जब भी छूती हो तुम
इनसे मेरे चेहरे को,
उदासी उतर जाती है।
बालों को सहलाती हो 
जब अपनी जली हुई
इन उँगलियों से, तो
मेरे बुझे लबों पर भी
हँसी जगमगाती है।

जाने क्या छुपा कर
रखती हो तुम 'माँ'!
इन खुरदरे से,ओर
उखड़े हुए हाथों में।

 


Rate this content
Log in