STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

दुआ

दुआ

1 min
245

दुआएं सदा उनकी होती यहां कबूल है।

जिनके दिल में होता यहां सत्य मूल है।।

उनकी बद्दुआएं भी होती यहां कबूल है।

जब किसी साफ हृदय को देते शूल है।।


जो लोग करते रहते सदा ऐसी भूल है।

अच्छे लोगो को समझते वो पैर-धूल है ।।

खुदा उन्हें कभी यहां माफ न करता है।

जो अच्छा दिल दुखाने की करते भूल है।।


पर खुदा का भी फल देना का वसूल है।

जैसा करता,उसे वैसा देता फल-फूल है।।

दूसरों के लिये जो रचता रहता,साजिशें।

रब कभी न करता,उनकी दुआ कबूल है।।


जो दूजे के अहित का पीता दूध अमूल है।

खुदा उन्हें मिटा देता यहां पर समूल है।।

वो ही बनता रब की नजर में कोहिनूर है।

जिसके हाथ,सर्व हित के लिये उठते है।

वो ही बनते खुदा के बंदे यहां रसूल है।।


वो ही लोग सदा यहां पर पाते बबूल है।

दूजो के बुरा होने की दुआ करते फ़िझुल है।।

वो ही बनता रब की नजर में कोहिनूर है।

जो सबके भलाई के लगाता नित फूल है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy