दर्दे दिल
दर्दे दिल
गहरे ज़ख्म बहुत से है इस दिल में,
दिल के हर कोने में दर्द होता है,
इक ज़ख्म सिलता हूँ बड़ी हिम्मत से,
दूसरा कोई देकर चला जाता है,
मिलता है कोई यूँ ही कोई रास्ते में,
दिल को गिरफ्तार कर लेता है,
प्यार के मरहम से धीरे धीरे,
जख्मी दिल को एक ख़ुशी दे जाता है,
बेचैनी बढ़ती है उसकी जुदाई से,
दिल जोर जोर से धड़कता है,
उसकी हर आहट पर दिल में कसक होती है,
दिल बेखौफ़ उसकी ओर दौड़ता है,
अपने अरमानों को चूर कर,
उल्फत में यही हाल उसका भी होता है,
बेकरार दोनों होते है एक दूजे के लिए,
कभी आँखों से, कभी बातों से,
कभी अदाओं से झलकता है,
कमबख्त ये दिल हर पल त
ड़पता है,
छटपटाहट एक दूजे की इस कदर होती है,
हर दम बेचैनी का आलम रहता है,
इश्क़ में डूबा दिल, कुछ नहीं समझता है,
बस एक धुन सी सवार रहती है,
वक़्त बेवक्त रंजिशें खूब होती है,
ये दिल अपने में ही खोया रहता है,
एक दिन तूफ़ान सा आता है,
मानो कायनात ही उड़ा जाता है,
जब हकीकत से दिल रूबरू होता है,
आँखों से पर्दा उठ जाता है,
ज़ख्म ही ज़ख्म हर ओर नज़र आता है,
ये दिल उसकी याद में डूब जाता है,
दर्द के बदले वफ़ा ढूंढता है,
जो दिल कल तक बेखौफ घूमता था,
इश्क़ के बदले सहारा ढूंढता है,
दर्दे दिल किसी से बयां न हो सके,
फिर वही पुराना दिन याद आता है।