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दर्द-ए-मोहब्बत

दर्द-ए-मोहब्बत

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इश्क ने खुदको मुकम्मल किया था,

तू गयी, मेरी खता क्या है ?


तेरे सजदे में सदाकत की थी,

तू मानी, अब बता सजा क्या है ?


तू बगल से गुजरी, हलचल सी हुई,

पीछे मुड़ी, वजह क्या है ?


कदम ठिठके, साँसे रुकी, आँखे मिली,

तू मुस्कुरायी और जहर क्या है ?


दिल फिसला मन बदला,

थोड़ा नीचे गिर गए, खता क्या है ?


तू गयी आँखे बुझी,

साँसे रुकी, वजह क्या है ?


जो चाहा तुझे मुनासिब ना लगा,

मोहब्बत में आखिर वफा क्या है ?


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