STORYMIRROR

Shraddhanjali Shukla

Tragedy

2  

Shraddhanjali Shukla

Tragedy

दर्द दिल का

दर्द दिल का

1 min
277

बिखरी तस्वीर मेरी

रूठी तकदीर मेरी

अपने वादों पे देख

तूने खुद नजर फेरी।


      आँसू ही श्रंगार है

      ये तेरी ही हार है

     जो टूटी हूँ मैं यहाँ

     तेरा ही तो प्यार है।


ले हर टुकड़े पर देख

लिखे हैं जुल्म के लेख

रोती आँखों पर मेरी

खिंची है दर्द की रेखा।


       रोना मेरा नसीब है

       खोया वो जो करीब है

       कहता है आईना भी

       झूठा मेरा हबीब है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy