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Kajal Manek

Tragedy

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Kajal Manek

Tragedy

दोस्ती

दोस्ती

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असली दोस्ती अब रह नहीं गयी,

दोस्ती बस मोबाइल तक सिमट गयी,


बस खुद का मतलब हो तब सबको आती है याद,

काश कोई दोस्त होता जिससे हम भी करते फरियाद,


मतलबी हो गयी है दोस्ती आज के दौर में,

इंसान खो गया है ऑनलाइन एप्प के शोर में,


कद्र नहीं है किसी की भावना की,

दोस्त बोलकर दोस्त के दुःख को जाना तक नहीं,


जीते जी कोई कुछ महत्व देता नहीं,

दुनिया से जाने के बाद भी कोई वजह समझता नहीं,


बस नाम की रह गयी है दोस्ती और रिश्ते,

जो केवल उन्हें जरूरत पड़ने पर ही याद करना आवश्यक समझते।


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