दोहा छंद..
दोहा छंद..
माता को समर्पित दोहे-
मातु सहे जो दर्द हैं, जननी वह अनमोल ।
मास बिता नौ गर्भ में, माता पहली बोल ।।(१)
फाड़ उदर तब जन्म हो, विधना विधि का लेख ।
क्यों अपमानित हो वही, खोल नयन अरु देख ।।(२)
भोजन पहले सुत खिला, खाती तत्पश्चात ।
बेटे केवल प्यार दो, देते क्यों मन घात ।।(३)
छूकर चरणों से मिला, सबको अपना नाम ।
प्रभु वर रहते साथ ही, समझो उनका काम ।।(४)
ममता सब पर वारती, जीवन बन वैराग्य ।
पाकर तुमको ही सदा, धन्य हुआ मम भाग्य ।।(५)