दिल
दिल
इतनी औकात नहीं है उसकी जितना मैं उसको भाव देता हूँ,
और उसके जाने में भी कोई भलाई होगी मेरी,
यही सोच कर मूँछों को ताव देता हूँ..
मैंने वो काटा जो कभी बोया नहीं,
ख्वाबों का मुझे क्या पता मैं वर्षों से सोया नहीं,
और हँसते हँसते कह दिया उसने कि भूल जाना तुम मुझे,
अब वो जुदाई क्या जाना उसने कोई अपना खोया नहीं..
दिल में कुछ है अगर तो बता क्यूँ नहीं देते,
मोहब्बत है हमसे अगर तो जता क्यूँ नहीं देते,
तुम्हारा दीदार करने में ये तकलीफ बहुत देती हैं,
मुनासिब यही होगा तुम चेहरे से जुल्फें हटा क्यूँ नहीं देते..
ये जो दिल जुड़ा है इसे फिर तोड़ दूँगा,
एक बार लिपट कर तुझसे रोना है मुझे,
तेरी कसम फिर तुझे छोड़ दूँगा..

