दिल तो बच्चा है जी
दिल तो बच्चा है जी
दिल तो अभी बच्चा है जी, मन से अभी कच्चा है जी
वो बचपन में रूठना और हंसना-हंसाना
सबकी बोली को तोतली भाषा में गुनगुनाना
दादी, नानी से रोज कहानी सुनना
बच्चों संग अपने भावी जीवन की तरंग बुनना
सभी त्योहारों पर प्रथम लाड़-दुलार, प्यार पाना
हर रोज खिलौनों संग अपना समय बिताना
लाल सूरज, सफेद चंदा मामा तो छोटे बाबू की शान
टीचर, मम्मी-पापा, सब बड़े हैं दुआओं की खान
आज बच्चों का बचपन मोबाइल में खो रहा है
गली के बच्चों संग मैल-मगरिये सब खेल गुम हो रहा है
हम भी नहीं भूल पाये हैं वो बचपन का सिकन्दर
बचपना तो अब भी है हम सब के अंदर
बचपन तो सब में जब तक मन सच्चा है जी
जीवन में खुशियों के रंग भर लो, अभी दिल तो बच्चा है जी ।।
