दिल तेरा है सनम
दिल तेरा है सनम
मिला था तुमसे मुझको इतना प्यार और अपनापन
चाहता था दिल, कर दूं तुम पर अपना सब कुछ अर्पण
जोड़ लूं तुमसे नाता सात जन्मों का, करके गठबंधन
पर समाज को कहां मंज़ूर था हमारे प्यार का बंधन
धर्म के ठेकेदारों ने होने न दिया हमारा गठबंधन
बिछुड़कर तुमसे फिर ज़ार ज़ार रोया मेरा मन
न मिल सके तो क्या, न टूट सकेगा मन से मन का बंधन
"बिन फेरे हम तेरे"दोहराता यही बार-बार मेरा मन।