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sadhna Parmar

Romance Classics Fantasy

3  

sadhna Parmar

Romance Classics Fantasy

दिल पे किसका ज़ोर

दिल पे किसका ज़ोर

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इश्क़ हो जाता है बस,

कोई शिखाया नहीं जाता,

मन में उसी के ख़्याल चलते है,

कोई ख़्याल डालने नहीं आता,

उन्हें देखते हीं दिल ज़ोर से धक-धक करता है,

दिल को कोई ओर धड़काने नहीं जाता,

कब मोहब्बब हो जाती है पता नहीं चलता,

और फ़िर दिल पे किसकी ज़ोर नहीं चलता। 


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