दिमाग - तूने ने हमेशा इस दिल को समझाया... दिमाग - तूने ने हमेशा इस दिल को समझाया...
है सब पता तुझे मेरा अब कुछ नहीं नक़ाब मे ! है सब पता तुझे मेरा अब कुछ नहीं नक़ाब मे !
कभी घंटी तो कभी अज़ान कभी गीता तो कभी क़ुरान ऐसा मन अध्याय मिला...! कभी घंटी तो कभी अज़ान कभी गीता तो कभी क़ुरान ऐसा मन अध्याय मिला...!
काश ! स्त्रीत्व की पहली किलकारी सुन पाता। काश ! स्त्रीत्व की पहली किलकारी सुन पाता।
कविता का निर्माण... कविता का निर्माण...
यह इक सोज़-ए-क़लक़ है जो जलाती रही मुझे, जिससे लड़ते रहने की मुझ में और हिम्मत नहीं। यह इक सोज़-ए-क़लक़ है जो जलाती रही मुझे, जिससे लड़ते रहने की मुझ में और ह...