दिल को थोड़ा चुभ जाता है
दिल को थोड़ा चुभ जाता है
पापा की हूँ नन्ही परी मै
बेटी बेटे मैं कभी न फर्क किया
पर भईया को ही "कुलदीपक" कहना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
नाजों से है मुझको पाला
जो मांगा वो मुझे मिला
पर बेटी तो "पराया धन है" कहना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
पता है मुझको इस आंगन से
एक दिन दुजे घर जाना है
पर "माँ के मुख" से यह सुनना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
भाई को मै जान से प्यारी
इसीलिए हैं रखते ध्यान मेरा
पर "मित्रों पर मेरे" नज़रें रखना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
भाभी तुम हो लक्ष्मी घर की
मुझसे ज्यादा अधिकार तुम्हे
"मेहमान" हो तुम तो मुझको कहना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
पढ़ा-लिखा कर पापा मुझको
सक्षम तुमने ही है किया
पर "पैसों" को मेरे अलग ही रखना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
जिस घर में मैंने जन्म लिया
जिसके आंगन में हूँ खेली
उस पर ही कोई "अधिकार" न होना
दिल को थोड़ा चुभ जाता है।
