यादें
यादें
खुशनुमा महफिल में भी
आंखों को नम कर जाती हैं,
गमगीन हो माहौल फिर भी
होंठों पर हंसी ले आती हैं,
न वक्त देखती हैं न जगह
बिन बुलाये मेहमान सी
कभी भी चली आती हैं,
उदास बैठे हो गर अकेले
बन जाती हैं जैसे साथी,
मायूस हो तो दिल को
संबल भी दे जाती हैं,
लगती हैं कभी तीखी
होती कभी सरस हैं
कभी उम्मीद का दिया तो
लगती कभी कहर हैं
जब चाहो खुद से दूर करना
हठी किसी बालक सी
ये जिद पे अड़ जाती हैं
ये हैं धरोहर दिल की
जीने का हैं सहारा
बीते पलों की यादें
जीवन भर याद आती हैं
