रिश्ते
रिश्ते
हंसाते हैं कभी तो कभी रूलाते हैं
देते हैं कभी गम तो कभी बहुत खुश कर जाते हैं।
चुभाते हैं शब्दों के नश्तर कभी
तो कभी प्यार का मरहम लगाते हैं
गुदगुदाते हैं कभी तो बातों से मीठी
पर कभी भी तीखा सा दर्द दे जाते हैं।
थाम लेते हैं हौले से आंचल कभी
तो कभी झटककर हाथों से दामन छुड़ाते हैं
जब बैठे हों अकेले में उदास कभी
तब बन मीठी यादें ये दिल भी बहलाते हैं
कर देते हैं तानों से बड़ा हताश कभी
पर थपथपा कर पीठ ये ही मनोबल भी बढ़ाते हैं
सींचो प्यार से और रखो बहुत सम्भाल कर इनको
नाजुक होते हैं बड़े जरा सी ठसक से ही टूट जाते हैं
कुछ जुड़ते हैं दिल से तो कुछ जीवन के संग यूं ही बंध जाते हैं
ये हमारे प्यारे रिश्ते ही तो हैं जनाब
जो जिन्दगी को जीने की ललक जगाते हैं।