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Manisha Kumar

Others

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Manisha Kumar

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नव वर्ष का आगाज़

नव वर्ष का आगाज़

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सर्दी, गर्मी करें मिलन

और मंथर चले बयार

रंगों की लेकर गज़ब छटा

आया ऋतुराज बसंत बहार


पैंजी,गेंदा,गुलाब,चमेली

बोगनविलिया, सदाबहार

रंग बिरगें फूलों से

हर गुलशन है गुलजार


तरुवर पर झांके नई कोपलें

पहने जैसे नये परिधान 

पक्षी करते कलरव ऐसे 

गाते हों मंगलगान


मदमाती फसलों पर आई

यौवन की तरुण बहार

खेतों में यूँ दमके सरसों 

धरा करे स्वर्ण अलंकार


निखरा ऐसे जग यह सारा

दुल्हन का रूप अपार

नव वर्ष के स्वागत में कुदरत

कर रही सोलह श्रृंगार।


  


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