दिल की तमन्ना
दिल की तमन्ना


चलो आज दिल की तमन्ना मिटा लें,
मचलती हुई मस्त लहरों पे खेलें।
ले हाथों मे हाथ चले हम वहाँ तक,
सागर में उठती हैं लहरें जहां तक।
चाहता है गगन भी लहरों को चूमें,
ऊंची उठती लहर मिलना चाहे गगन से।
चलो आज दिल की तमन्ना मिटा लें,
मचलती हुई मस्त लहरों पे खेलें।
हो रहा वो मिलन देखो दरिया गगन का,
जहां झुक गया आसमां भी क्षितिज पे।
चलो आज हम भी वहाँ तक चलें,
जहां मिल रहा है दरिया गगन से।
चलो आज दिल की तमन्ना मिटा
लें,
मचलती हुई मस्त लहरों पे खेलें।
गगन से उतर आया है चाँद नीचे,
चांदी सी चमकती लहर चाँदनी से।
चलो आज दरिया किनारे पे बैठें,
चाँदनी में नहायी इन लहरों को देखें।
चलो आज दिल की तमन्ना मिटा लें,
मचलती हुई मस्त लहरों पे खेलें।
पानी सागर का खारा हुआ इतना कैसे,
गोरी के आँसू इसमें समाये हो जैसे।
चलो आज दरिया को मीठा बना दें,
अपने प्यार की इसमें मिश्री मिला दें।
चलो आज दिल की तमन्ना मिटा लें,
मचलती हुई मस्त लहरों पे खेलें।