सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
माँ शारदे, माँ शारदे ,
तुम को नमन माँ शारदे।
मेरी लेखनी को कर प्रतिष्ठित,
एक नया आयाम दे।
माँ शारदे, माँ शारदे
तुम को नमन माँ शारदे।
तुझ पर अटल विश्वास मेरा
तेरा सदा ही साथ हो।
गीत और कविताओं में
मुझ को तेरा ही ध्यान हो।
कंठ में हो बास तेरा
स्वर को नया शृंगार दे।
माँ शारदे, माँ शारदे ,
तुम को नमन माँ शारदे।
मान हो, सम्मान हो ,
धरती पे तेरा ध्यान हो।
कर्तव्य पथ पर मैं चलूँ ,
माँ तुम ही मुझ को थाम लो।
हो ज्ञान का भंडार सब में ,
मेरी लेखनी को प्राण दे।
माँ शारदे, माँ शारदे,
तुम को नमन माँ शारदे।
आडंबरों के तोड़ बंधन
मन का पंछी उड़ चला।
भटका हुआ संसार में था ,
तेरी ओर अब मुड़ चला।
हर लूँ धरा के कष्ट सारे ,
मेरी कलम को ज्ञान दे।
माँ शारदे, माँ शारदे
तुमको नमन माँ शारदे।
है कामना निश्छल अगर तो
कामना को मान दे।
माँ शारदे, माँ शारदे
तुम को नमन माँ शारदे।
मेरी लेखनी को कर प्रतिष्ठित
एक नया आयाम दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे
तुम को नमन माँ शारदे।