दिल बोला
दिल बोला
'दिल तो रोज़ धड़कता है,
कभी-कभी वो बोलता भी है,
सुनेंगे आज हम, की वो क्या कहता है,
सच्ची और अच्छी बातें ही वो बताता है,
कल कह के गया है की,
आवाज़ ऊँची मत करना,
अपने काम को बोलने का मौका देना,
सब की इज्जत करना,
बच्चो से प्यार और बड़ो के साथ रहना,
हर वक़्त बोलते ही मत रहना, कभी मेरी सुन भी लेना,
अपनी ज़बान को जरा काबूमें रखना,
अपने हिस्से की खुशियाँ युही बांटना,
दर्द भरी बातें करके किसीका दिल मत तोडना,
खुद के कर्म पे ही ध्यान रखना,
दूसरे की किताब में मत जांखना,
अपने काम से ही काम रखना,
किसीकी कमियाँ मत निकलना,
खुदकी ही गलतियां सुधारना,
बाकी तो सब ठीक है,
बस,
मेरी ये बात दिल से लगाये रखना,
खुद भी सुखों की चद्दर पर सोना,
दूसरों को भी यही सलाह देना । '