दीपक की व्यथा
दीपक की व्यथा
'दीया' नाम क्यों दिया
जो कहता "तूने है क्या दिया ?"
हाँ! 'जलता' तब रोशन करता
पर जग से न जलता।
हाँ! कमी कहो कि अंधकार से
करूँ सदा परहेज़;
हाँ! कमी कहो "मेरी लौ में
जीर्ण प्राण गंवाते हैं।"
हाँ! कमी कहो "बिन प्रेम तेल
अस्तित्व गवां जाता"
वायु में अस्तित्व बनाए
जलता रहता हूँ।
हाँ ! कमी कहो कि तीव्र वायु में
प्राण बचा न पाता;
हाँ ! कमी कहो "स्वतल नीचे न
रोशन कर पाता।"
इतनी कमी तो मेरा क्यों
उपयोग करते हो ?
पूजा में ट्यूबलाइट जला लो
घी की बाती उसे लगा दो
दीवाली में भी तो ट्यूबलाइट का
इस्तेमाल करते हो।