बेईमान
बेईमान
था विचार मैं अमर रहूँगा
है विचार जीवन न जियूँगा।
था तन्हा फिर मदिरा आयी
लड़खड़ा मिट्टी में लायी।
मैं नहीं उस मिट्टी में
वह मेरा ईमान था।
धुंध नाम अब दिवस जो तेरह
अब मेरा अस्तित्व कहाँ
पड़ा हुआ पूछे यह प्याला
स्वामी मेरा बेईमान था क्या ?