दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाओं के साथ इस अवसर पर लिखी एक कविता
जो मन के तम को हर डाले उसे बात निराली कहते हैं,
जो रोशन कर दे जग सारा वो रात दिवाली कहते हैं।
जब दूर देश में बैठा भी कोई अपना सा लगता है,
मन मंदिर में बैठे बैठे जब दिया प्रेम का जगता है।
ऐसी उबलती प्यास को हम प्रेम की प्याली कहते हैं,
जिसे संग मिले बस प्रियतम का उसे किस्मत वाली कहते हैं
जो घर में खुशियाँ भर डाले उसको ही खुशहाली कहते है,
जो सींचे हरिक पौधा प्यार से उसको ही माली कहते हैं।
जो दूध पिलाये बच्चों को उसे माँ की धाती कहते हैं,
जो हाल बताये प्रियतम का उसे प्रेम की पाती कहते है।
दिन रात जले जो लौ बनकर उसको ही बाती कहते हैं,
जो साथ न छोड़े गम में भी उसको ही साथी कहते हैंl
जो हरसू निकाले हीरे मोती उसे भारत की माटी कहते हैं,
जो कस कर दुश्मन पर वार करे उसको ही लाठी कहते हैं।
जो मन में बस मौजें भर डाले उसको ही मस्ती कहते हैं,
जो आसानी से मिल जाये उस चीज को सस्ती कहते है।
जब राम मिले थे सीता से उसको ही शुभ घड़ी कहते हैं,
जो मृत को जीवित कर डाले उसको ही संजीवनी कहते हैं।
जब इक इक करके दीप सजें उसे दीपों की अवली कहते हैं,
जो रोशन कर दे जग सारा वो रात दिवाली कहते हैं।