"दिल में बसा लो मुझे" यूं ही सपने, दिखाना नहीं चाहिए।
"दिल में बसा लो मुझे" यूं ही सपने, दिखाना नहीं चाहिए।
"दिल में बसा लो मुझे"
यूं ही सपने, दिखाना नहीं चाहिए।
जाल बुनकर, रिझाना नहीं चाहिए।।
नेक दिल आदमी का, भरोसा बहुत।
उनको धोखे में लाना, नहीं चाहिए ।।
तुमको खुशियां मुबारक, तरक्की करो।
बाप को ,आजमाना नहीं चाहिए।।
जिनकी कच्ची दीवारों, से है वास्ता।
उनको महलों में ,जाना नहीं चाहिए।।
वादे कर तोड़ना ,तेरी आदत सही।
गाल हरदम ,बजाना नहीं चाहिए ।।
रोटी-कपड़ा-मकां, बस यही जिंदगी।
उनको खुशियां, खजाना नहीं चाहिए।।
बेटे-बेटी सभी, बाग के फूल हैं।
यूं उन्हें ,बरगलाना नहीं चाहिए ।।
मैं मोहब्बत हूं ,दिल में बसा लो मुझे।
और कोई , ठिकाना नहीं चाहिए ।।