शरद पूनम का चांद
शरद पूनम का चांद
शरद पूनम का चंदा ,
मानसून में धुला-धुला।
निर्मल शीतल सुन्दर,
लूटा रहा अंजलि भर-भर,
स्वर्ग-सम्पदा चांदनी।
बच्चों ने लूटा,
मामा का धन है।
कवियों ने लूटा,
भावुक मन है।
प्रेमियों ने लूटा,
प्रेमाकुल क्षण है।
हर एक ने लूटा,
जिसका जैसा पन है।
ऐसी लूट मची है, मानो,
यह कोई सरकारी धन है।