धोखेबाज कौन ?
धोखेबाज कौन ?
पहले चोर डकैत का गिरोह हुआ करता था
अब ठग बस आम इंसानों से है
पहले चम्बल की घाटियां सुर्खियां थी
अब नये नये विलेनों के अवतार है
कोई सिस्टम के आंखों से काजल चुराता है
और कोई आराम से जनता के पैसे ठगकर मेहुल कहलाता है
कोई बिकरू का विकास दूबे है
तो कोई गोल्ड जीता हुआ मुक्केबाज
क्या कहें अब विलेनों के हैं जबरदस्त अंदाज
जनता बेसब्र है नेता के दौरों पर ताली बजाने को
नेता भी शामिल है सिस्टम में लेकर साथ इन दलालों को
क्या समझते हैं इतना आसान है विकास और मेहुल बन जाना
सिस्टम को बिना साथ लिए नामुमकिन है धोखा देना।
