देशभक्ति का जज़्बा
देशभक्ति का जज़्बा
मुझे वो देश भक्ति का प्रभू जज्बा सिखा देना
मरूँ मैं देश के खातिर प्रभू इतना बता देना
यहाँ दौलत लिए फिरते हजारों लोग जीते हैं
वतन के वास्ते उनको प्रभू जीना सिखा देना
शहीदों के शहादत से दगाबाजी करे जो भी
जमाने से बुराई का निशां नामों मिटा देना
ज़माने में शहीदों की सुरक्षित हो निशां बाकी
शहीदों के मज़ारों पे प्रभू पहरा लगा देना
हुए कुर्बान सीमा पर हमारे देश की खातिर
तिरंगे के कफ़न से ही प्रभू अर्थी सजा देना
कभी भी पीठ पर गोली न खाये वीर तो कोई
सदा सीना रहे ताने प्रभू वो हौसला देना
कहे माता मेरे बेटे तुझे सरहद पे जाना है
लहू के रंग से अपने वहाँ सरहद रंगा देना
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पे जां फिदा करना प्रभू हमको सिखा देना
कलम से हम शहीदों का ज़रा गुणगान लिख पाए
हमारे मन में ऐसी देश की भक्ति जगा देना
छनाछन पायलों की छोड़ के झंकार को अब तो
खनक तलवार की गाथा लिखे हमको बता देना
तिरंगा गिर न पाए हाथ से कितनी भी मुश्किल हो
हमारे हाथ में इतनी ज़रा ताकत दिला देना
कभी मेरी जवानी भी वतन के काम आ जाये
रगों में खून का ऐसा प्रभू कतरा बहा देना