देश की आजादी
देश की आजादी


हमको सबसे प्यारी है देश की आजादी,
कड़ी मेहनत और कुर्बानियां से मिली है आजादी,
क्यूँ कटुता और घृणा की बेड़ियां से जाने देते हो आजादी ।
कितनों ने बहाई है अपने खून की नदियाँ,
फांसी पर लटके, हाथ पैर में जकड़ी थी बेड़ियां
सीने में गोलियां खाई, डंडे पड़े, कैसी डरावनी थी वो घड़ियाँ ।
कैसे कैसे जुल्म सहे है अपने वीर जवानों ने,
अपने माता बहनों की लाज़ बचाने में,
हाथ जोड़ करो प्रणाम इन बहादुर माँ के संतानों को ।
पूछो इन माताओं से जिन्होने खोएं अपने संतानों को,
उन बहनों से पूछो जिसने खोया अपने भैया को,
न जाने कब रूकेगी धारा माँ बहनों के आंसुओं की ।
है खड़े ये जवान दिन रात सीमा पर,
ठंडी, गर्मी, बरसात झेल रहे सब अपने सिर पर,
घर से कोसों दूर है मुस्तैद ये जवान हर पल।
मिली अपने देश को आजादी चुका कर बहुत बड़ी किमत,
न जाने देना यूहीं कुर्बानियां व्यर्थ, रखना थोड़ी हिम्मत,
इन जवानों के साहस ने बदली सबकी किस्मत ।