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Thakkar Nand

Crime

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Thakkar Nand

Crime

देश के हालात

देश के हालात

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देखा था मैंने एक ऐसे भारत का ख्वाब,

जिसे हो अपने अहिंसा और एकता पर रुवाब।


सच्चाई और अच्छाई ने छोड़ा साथ,

बदलने लगे मेरे उस भारत के हालात।


बेटियों के साथ हो रहा अत्याचार,

देश में मच रहा है हाहाकार।


सत्ता की लड़ाई में मचता हुआ होड़,

देश के अर्थव्यवस्था को दिया तोड़।


देश में दिख रही बढ़ती बेरोज़गारी,

गरीबों के फटे जेब और मुख पर लाचारी।


ऐसे हालातों में जी रहे हैं मेरे देश वासी,

कोई खा रहा ज़हर, कोई लगा रहा फांसी ।


सुधारनी होगी हमें देश की स्थिति,

वरना नहीं होगी अपने देश की वृत्ति।


उठाने होंगे हमें मिल कर कदम,

क्योंकि इस देश के युवाओं में है दम।


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