आंखों में क़ैद एक मंजर देखा है
आंखों में क़ैद एक मंजर देखा है
आंखों में क़ैद, एक मंजर देखा है,
मै प्यासा रहा, लेकिन समन्दर देखा है,
मुझे ना दिखाना खेल दुनियां के,
मैने हरियाली में भी, पेड़ो को बंजर देखा है।
बड़े अजीब है, तरीके यहां,
रिश्ते निभाने के,
एक हाथ में प्यार,और दूजे में,
खंजर देखा है,
मुझे ना दुआ देना इन बारिशों में,
फिर से जवां हो जाने की,
मैने बारिशों के बाद भी,
जमीं को बंजर देखा है।