यही जिंदगानी है
यही जिंदगानी है
यहाँ हर दिल मे एक अधूरी सी कहानी है।
तन्हाइयों में हर किसी की जिंदगी रूहानी है।
बाहर से हर चेहरा हंसता हुआ नजर आएगा
भीतर से टटोलोगे तो हर आंख में पानी है।
कुछ यादें लिए बैठे है कुछ किस्से लिए बैठे है।
यहां लोग एक दिल के कई हिस्से लिए बैठे है।
बैठिए किसी के पास कुछ पल हमराह बनकर
तभी जान पाओगे, दर्द में कितनी सुनामी है।
कोई “दर्द” कह देता है तो किसी को कहना नही आता
कोई पत्थर बन जाता है किसी को चुप रहना नही आता
सबकी आदत औरों को जानना है, और अपनी छुपानी है।
चुप रहकर जिम्मेदारियां निभानी है बस यही जिंदगानी है।