देखो न सपनों को कोई छल जाए
देखो न सपनों को कोई छल जाए
देखो न सपनों को कोई छल जाए
परसों मिलकर जाने वाला
कल के कल न निकल जाए
ये सपने और इनकी कीमत
जितने जानें उतनी गिरती है
प्रेमी के भेस में कोई व्यापारी
इन्हें कम दामों में न निगल जाए
कोई सपना देख पुराना
सोचना
खुद को समझाना
सच हो तो कितना मुनाफा
टूटे तो कितना नुकसान है
बस एक सपने का हिसाब लगाना
पर बतलाना मत तुम देखो
इतनी संपत्ति देख न जाने
कौन कैसे बदल जाए
परसों मिलकर जाने वाला
कल के कल न निकल जाए।