डर लगता है
डर लगता है
बमुश्किल भरा मैंने दिल की दरारों को
फिर से ये टूट न जाए डर लगता है।
तेरी मोहब्बत की आदत हो गई मुझको
कहीं तू रूठ न जाए डर लगता है।
अकेलेपन ने सताया अब तलक मुझको
अकेलापन लौट न आए डर लगता है।
संजोए है हंसी सपने तुम्हारे साथ जीने के
कहीं ये टूट ना जायें डर लगता है।
