दायित्व
दायित्व
केवल निज स्वार्थ ही नहीं,
दुसरों के बारे में भी
सोचना चाहिए ---
बस इसी तरह
खुशियाँ बाँटते रहिए ...!
बसेरा आपका ज़रूर रोशन हो
दुसरों की ज़िन्दगी को भी
रोशन कीजिए ।
ये आपका दायित्व है...
आप पूरी ईमानदारी से
अपना कर्तव्य पालन कीजिए...
इसी तरह ये हमारा समाज
एक स्वर्ग-सा सुंदर रूप लेगा
और हम सब इंसानियत को
इस समाज का आईना दिखाएंगे...
यही सामाजिक सरोकार है।
हमारा दायित्वबोध सदैव ज़िंदा रहे...
चलिए, हम सब इस विश्व की
पुनर्स्थापना में अपना
निस्वार्थ योगदान दें...
ये विश्व है, तो हमारा समाज है...
चलिए, हम जनजागरण लाएँ...!
