STORYMIRROR

Dr Jogender Singh(jogi)

Tragedy

4  

Dr Jogender Singh(jogi)

Tragedy

दानी

दानी

1 min
176


एक भूखे को खाना खिलाकर ,

मुस्कुराती एक तस्वीर खिंचा कर ।

फ़ेसबुक पर डाल आया हूँ ।


मानो न मानो भाई ,

क़सम से सीना मेरा चौड़ा हो गया । 

दानवीरों की जमात में ,

आपका भाई भी ,शान से शामिल हो गया ।


लाइक कर , कॉमेंट भी कर देना ।

मेरा रीता ख़ज़ाना फिर से भर देना । 

गौर से देखना तस्वीर को मेरी एफ़॰ बी॰ पर ,

लाचारी से भरा चेहरा घमण्ड का है मेरे, या भूख का उसकी ?

ईमानदारी से पर्सनल नम्बर पर बता देना ।


और सुनो भाई एक दो दान आप भी कर लो , 

पुण्य से झोली अपनी भर लो । 

तस्वीर पर तुम्हारी , अच्छा सा कॉमेंट कर दूँगा ।

 मैं भी दोस्ती का अपनी ,हक़ अदा कर दूँगा ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy