STORYMIRROR

mahendra dewangan Mati

Drama

3  

mahendra dewangan Mati

Drama

चरण वंदना

चरण वंदना

1 min
695

मातु पिता के चरणों में मैं, हरदम शीश झुकाता हूँ

तेरे आशीर्वाद मिले माँ, हर पल शीश नवाता हूँ


हाथ पकड़ कर चलना सीखा, तब जाकर मैं बड़ा हुआ

ममता का जब छाँव मिला जी, तब जाकर मैं खड़ा हुआ


मन जब भी विचलित होता है, पास तुम्हारे आता हूँ

मुझको आशीर्वाद मिले माँ, हर पल शीश नवाता हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama