चरण वंदना
चरण वंदना
मातु पिता के चरणों में मैं, हरदम शीश झुकाता हूँ
तेरे आशीर्वाद मिले माँ, हर पल शीश नवाता हूँ
हाथ पकड़ कर चलना सीखा, तब जाकर मैं बड़ा हुआ
ममता का जब छाँव मिला जी, तब जाकर मैं खड़ा हुआ
मन जब भी विचलित होता है, पास तुम्हारे आता हूँ
मुझको आशीर्वाद मिले माँ, हर पल शीश नवाता हूँ।