रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
आया रक्षा बंधन भैया, लेकर सबका प्यार।
है अटूट नाता बहनों से दे अनुपम उपहार।।
राखी बाँधे बहना प्यारी, रेशम की है डोर।
खड़ी आरती थाल लिये अब, होते ही वह भोर।।
सबसे प्यारा मेरा भैया, सच्चे पहरेदार।
है अटूट नाता बहनों से, दे अनुपम उपहार ।।
हँसी ठिठोली करते दिन भर, माँ का राज दुलार ।
रखते हैं हम ख्याल सभी का, अपना यह परिवार ।।
राखी के इस शुभ अवसर पर, सजे हुए हैं द्वार ।
है अटूट नाता बहनों से, दे अनुपम उपहार।।
तिलक लगाती है माथे पर, देकर के मुस्कान।
वचन निभाते भैया भी तो, देकर अपने प्राण।।
आँच न आने दूँगा अब तो, है मेरा इकरार।
है अटूट नाता बहनों से, दे अनुपम उपहार ।।