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Shyam Kunvar Bharti

Action

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Shyam Kunvar Bharti

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चंद शेर और मुक्तक

चंद शेर और मुक्तक

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मेरा अभिमान तू मेरा स्वाभिमान है तू

मेरी जान मेरा हिंदुस्तान है तू

गंगा की धार तुझमे शेर की दहाड़ है

कोटी कोटी नमन सबसे महान है तू।


मेरे दिल में रहो और कुछ न कहो

रगों वतन परस्ती बन रक्त तुम बहो

दिल मांग लो जिगर मांग लो

हिन्द के नाम जान मगर मांग लो।


जब सलामत वतन ही नहीं

खाये कौफ दुश्मन ही नहीं

वो जवानी रवानी किस काम की

जब मुस्कुराए चमन ही नहीं।


अखंड भूमि भारत गर्जना प्रचंड करेंगे

विश्व वियजी भारत क्यो नहीं घमंड करेंगे

हम वतनपरस्त आशिक मुझसे दिल ना लगाना

भारती अब मुझे कफन तिरंगा लिपट है जाना।


तुझे अपनी महबूबा मैं बनाऊँ कैसे

तुझसे कहो प्यार मैं जताऊँ कैसे

नजर जिगर समाई तस्वीरें वतन

बन गए दो जिस्म एक जान हो जैसे।


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