चमकती आँखो की कसम,
चमकती आँखो की कसम,
तुझे मेरी चमकती आँखो की कसम,
अब हल्की सी भी ठेस ना देना,
वरना बह जाऊंगा, बिखर जाऊंगा I
दिल में चुभती रहती है सुई सी,
अब कोई खुशी, ग़म ना दे देना,
आदत दर्द की, मुस्कुराया तो मर जाऊंगा।
रात गहरी काली ही क्यों होती है,
दिन सा उजाला क्यों नही देती,
मैं तनहा रात सें डरकर अब किधर जाऊंगा।
ग़म भर गया दिल में, अब
कोई महफिल हंसती नहीं, अब
लम्बी जिंदगी जीकर कहां जाऊंगा l