चलो.....!
चलो.....!
इश्क़ में फ़ना हूँ उसके,
औऱ उसे ही नहीं मालूम,
साँसे छीन लेती हैं,
मोहब्बत यहां,
मौत का मंजर देखना हो,
तो चलो....
यहाँ किसी को कोई,
रास्ता नहीं देता,,
मुझे गिरा के,
अगर तुम संभल सको,
तो चलो....
ख़ुशी की आस,
मत रखना....
ग़म बेचते हैं लोग यहां....
ख़रीदने की हैसियत ऱख सको,
तो चलो....!
