Brijlala Rohanअन्वेषी
Action Classics Inspirational
तुम तिलकुट - सी लज़ीज़ !
मैं गुड़ -सा मीठा !
तुम चूड़ा- सी मनमोहक,
मैं दही -सा मधुर !
चलो संग मिलकर
चमन में कांति बढ़ाते हैं,
चलो हम भी संग में
मकर संक्रांति मनाते हैं !
मेरा ठिकाना
विश्व गुरु हम...
विनाश के मार्...
एक अतिरिक्त र...
एक निर्दोष लड...
पेपर लीक
*एक और पेशाब ...
फातिहा मौत क...
राज में हिंदी...
चाटुकारिता धर...
ये उंचे पहाडों के मगरूर साये ये कहते उनको नजर तो मिलाये। ये उंचे पहाडों के मगरूर साये ये कहते उनको नजर तो मिलाये।
शायद ही हमारी आनेवाली पीढ़ी इस अद्धभुत सौंदर्य का आनंद ले पाए। शायद ही हमारी आनेवाली पीढ़ी इस अद्धभुत सौंदर्य का आनंद ले पाए।
राम नाम लेने की सब सुधी, भूल बैठे बाप हो चाहे हो मैया l राम नाम लेने की सब सुधी, भूल बैठे बाप हो चाहे हो मैया l
प्रतिबंध लगाना होगा इसमें, जिससे ना टूटे बच्चों के कोमल मन। प्रतिबंध लगाना होगा इसमें, जिससे ना टूटे बच्चों के कोमल मन।
हम सब अपने जीवन में अपनाएं अति का नमक न हम खाएँ हम सब अपने जीवन में अपनाएं अति का नमक न हम खाएँ
अधूरी रही दास्तान-ए-इश्क़ न कही कही अनकही बातें। अधूरी रही दास्तान-ए-इश्क़ न कही कही अनकही बातें।
और थोड़ा सा सुकून मेरे सीने में छोड़ देता। और थोड़ा सा सुकून मेरे सीने में छोड़ देता।
हम मनुष्यों की ज़िन्दगी में जल का महत्व है। हम मनुष्यों की ज़िन्दगी में जल का महत्व है।
बने खूब बरसात, सहज होगा तापमान। बने खूब बरसात, सहज होगा तापमान।
पहला होता है समुचित पोषण, और दूजा है शारीरिक अभ्यास। पहला होता है समुचित पोषण, और दूजा है शारीरिक अभ्यास।
जिन्दगी बदलती रही है हमसे जरूरत अपनी बारहा , जिन्दगी बदलती रही है हमसे जरूरत अपनी बारहा ,
बच्चों का भविष्य बनाना होगा बाल श्रम को मिटाना होगा। बच्चों का भविष्य बनाना होगा बाल श्रम को मिटाना होगा।
पर्यावरण को हो हितकर, वह आचरण बनाना है। पर्यावरण को हो हितकर, वह आचरण बनाना है।
पेड़ पौधों से नित बढ़ती है खुशहाली ऐसी खुशहाली से चहूँ ओर बढ़ जाए हरियाली, पेड़ पौधों से नित बढ़ती है खुशहाली ऐसी खुशहाली से चहूँ ओर बढ़ जाए हरियाली,
जिससे जिंदगी की यात्रा सचमुच आसान हो जाती है । जिससे जिंदगी की यात्रा सचमुच आसान हो जाती है ।
ये लफ्ज़ जो छप जाए तो क्या चांद और क्या है तारा ये लफ्ज़ जो छप जाए तो क्या चांद और क्या है तारा
सावधानी रखना बना लें अपना स्वभाव, अपने मन में रखना नहीं है कोई तनाव। सावधानी रखना बना लें अपना स्वभाव, अपने मन में रखना नहीं है कोई तनाव।
फिर भी हमेशा लड़ लड़कर क्यूँ जीना पड़ता मुझको लड़की ही तो हूँँ ना फिर भी हमेशा लड़ लड़कर क्यूँ जीना पड़ता मुझको लड़की ही तो हूँँ ना
मरकर अमर हो गये हैं वो,वादे जरूर निभाये, प्यार की जोड़ी हो तो ऐसी जो हरदम हँसाये।। मरकर अमर हो गये हैं वो,वादे जरूर निभाये, प्यार की जोड़ी हो तो ऐसी जो हरदम हँस...
तो फिर ये कैसी माथापच्ची जब हम सब अपनी ही गलतियों के पुतले हैं ? तो फिर ये कैसी माथापच्ची जब हम सब अपनी ही गलतियों के पुतले हैं ?