देश के सच्चे श्रृंगार
देश के सच्चे श्रृंगार
देशभक्तों के प्यार का विस्तार,
करता है सारा संसार।
उनके बलिदानों की गाथा,
आज भी हरपल इतिहास है गाता।
कभी जाती ना शहीदों
की कुर्बानी खाली,
अमर होकर भी
फैलाते वो सूर्य सी लाली।
हर कण- रज छूकर उनको
हो जाती भाग्यशाली।
हरपल खतरें में रहता,
वीरों की नारी का श्रृंगार।
फिर भी अपने बच्चों के उर में,
भरती देश के प्रति कुर्बानी ओर प्यार।
देशभक्तों ने कभी ना मानी
अपनें जीवन की सरहद में हार।
देश कि आन- बान और शान के लिए
हंसते- हंसते जीवन की बलिवेदी
पर चढ़कर जाते वो तो केवल
अपने देश का श्रृंगार।