याद ना जाए
याद ना जाए
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
सर्दी में याद दिलाती हैं उन्का बुना स्वेटर याद आया
हा बिना शक्कर दी चाय झुकके
और तेरा मुस्कुराना
शादी के दिन तेरी बहन ने
पिलाया नमकीनसोल्टी पानी
पिया केहके हस्ना
और पिया मत पीओ कहके
एक ही घुंट में पानी पी जाना
मैं दंग था तेरी हरकतों का सवाल था
इत्ना जल्दी प्यार का होना
आज भी अल्मारी में पड़ा है
स्वेटर मुंह मोड़ के
और दिल मे ंपड़ा तेरा मुस्कुराना याद आया !
उन पन्नो के बिच एक तस्वीर-और सुका गुलाब
और दो मुवी टिकिट साथ बस की टीकट चल
पड़ते कदम का मंदिर में ठहरना याद आया !
