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Chandresh Kumar Chhatlani

Comedy

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Chandresh Kumar Chhatlani

Comedy

चला-चला रे डराईवर...

चला-चला रे डराईवर...

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भीड़ चढ़ी है रेल पे और ये आंख न खोलें,

नेता हमारे ऐसे हैं कि चादर तान सो लें।


कोई गिरे तो चीख की आवाज को सुन के,

इन नागराजों का तो दिल झूम के डोले।


--


चला-चला रे डराईवर गाड़ी हौले-हौले,

इंजन का बोझ ना रे ये तो वोटों को तोलें।


नेता हमारे ऐसे हैं इस ट्रेन से भारी

लोगों से ज़्यादा इन्हें कुर्सी है प्यारी।

बढ़ा-चढ़ा के जनता को खुदकी बातें ये बोलें।

इंजन का बोझ ना रे ये तो वोटों को तोलें।

चला-चला रे डराईवर...


जनता चढ़ कर ट्रैन पे इठलाती है जाती,

खुशी-खुशी वो मुफत के कॉकरोच भी खाती।

हर तरफ लोग लटके हैं कोई खिड़की न खोले।

इंजन का बोझ ना रे ये तो वोटों को तोलें।

चला-चला रे डराईवर....L


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