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Akhlaque Sahir

Romance

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Akhlaque Sahir

Romance

चल इश्क़ करें

चल इश्क़ करें

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 मीरा की यादों को फिर दुहरानी है,

राधा को फिर सुनते हैं चल इश्क़ करें,


दो दिन गुज़रे खूब तरक्की की हमने, 

दो दिन अपने बाकी हैं चल इश्क़ करें,


इश्क़ वबा है सर अपने आई है गर,

दिन थोड़े कम बाकी हैं चल इश्क़ करें,


एक फलक पर चाँद भी कितना तन्हा हैं, 

मिल कर हम दो गम बाँटें चल इश्क़ करें,


अपनी हिस्से में शायद गम ही गम है,

ख़म करते हैं गम सारे चल इश्क़ करें,


  


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