Nirav Rajani "शाद"

Romance

5.0  

Nirav Rajani "शाद"

Romance

छू लेने दो

छू लेने दो

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छू लेने दो नाज़ुक हाथों को ये

हाथ नहीं सु-ए-मैखाना है ये।


सजने दो इन मासूम ख्वाबों को अब

रवां है ये हमारी तवक्को को ये।


दुआ की है हमने ख़ुदा से

शब-ए-माह में कुबूल हो दुआएं ये।


इनायत है ये ख़ुदा की तुम्हें

माइल-ब-करम का सिला है ये।


मुंतज़िर हूँ "नीरव" मैं इन हाथों को

सोचता हूं मेरी लियाकत है ये।





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