छोटा टुकड़ा चाँद
छोटा टुकड़ा चाँद
चाँद का एक छोटा टुकड़ा
नींद में सोते हुए समंदर में गिर गया।
चारों तरफ आवाज़ लगी, की..देखो देखो किधर गया ,
चाँद का एक छोटा टुकड़ा...
सितारों ने ऊपर से झाँका तो समंदर में दिख गया।
मछलियों ने नीचे से ताका तो उनकी आँखों मे भी
चमक गया,
वो छोटा टुकड़ा चाँद का, जो समंदर में गिर गया।
लहरों से थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा आगे,
थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा पीछे सरक गया
हर कोई चिल्लाया समंदर में की ये रहा,
और वो देखो उधर गया एक छोटा टुकड़ा चाँद का
नींद में सोते हुए समंदर में गिर गया ।।
