कल का आज
कल का आज
स्त्रियों का आज उनके बीते कल की गलती है
उन्होंने क्यूँ चाहा खुद से लम्बा पुरुष
जो नज़रे उठाये और अक्सर सही हो
जिसके सम्मान में उनकी आंखें हर बार झुके
और झुकती जाएँ और बस तभी पुरुष ने
उन्हें दबा दिया और तब से आज तक ऐसा है.
स्त्रियों का आज उनके बीते कल की गलती है
उन्होंने क्यूँ चाहा खुद से लम्बा पुरुष
जो नज़रे उठाये और अक्सर सही हो
जिसके सम्मान में उनकी आंखें हर बार झुके
और झुकती जाएँ और बस तभी पुरुष ने
उन्हें दबा दिया और तब से आज तक ऐसा है.