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Gagandeep Singh Bharara

Tragedy

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Gagandeep Singh Bharara

Tragedy

छोड़ गया तन्हा

छोड़ गया तन्हा

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बेदरदी ने ज़ख्म दिया है,

तोड़ के दिल, तन्हा यूं छोड़ दिया है,


दिल के हर टुकड़े को संजोना,

अब लगता, मुमकिन ही नहीं है,


बात न उसने, मुझ से की है,

बस छोड़ गया, तन्हा वो मुझे है,


चंचल आंखें, मधुर वाणी है,

भीगों के आंखें बस चला गया है,


याद दिल से मिटेगी अब कैसे,

जन्मों का दर्द जो दिया उसने है,


छोड़ गया तन्हा यूं मुझको,

दिल से दिल तोड़ गया है,


अब लगता मुमकिन ही नहीं है,

भूलना उसको, जो भूल गया है,


बेदरदी ने ज़ख्म दिया है,

तोड़ के दिल, तन्हा यूं छोड़ दिया है।।



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