छलावा
छलावा
हम आए तो थे खुशियाँ बांटने
न जाने किस दिखावे में खो गए
दर्द को अनदेखा कर
गमनाम कहीं हम सो गए
चाहा कई बार खुद को जगाने की
न जाने कौन छलावे का बीज बो गए
समझकर फूल दिया अश्क उनकी जिंदगी में
और हम बेहद खुश बदनसीब हो गए।
हम आए तो थे खुशियाँ बांटने
न जाने किस दिखावे में खो गए
दर्द को अनदेखा कर
गमनाम कहीं हम सो गए
चाहा कई बार खुद को जगाने की
न जाने कौन छलावे का बीज बो गए
समझकर फूल दिया अश्क उनकी जिंदगी में
और हम बेहद खुश बदनसीब हो गए।