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Manisha Shaw

Inspirational

4.0  

Manisha Shaw

Inspirational

तकदीर का रोना

तकदीर का रोना

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क्यों आजकल हर कोई 

अपनी तकदीर पर रोता है 

मिलना उसे वही है, जिसका बीज 

उसने खुद से बोया होता है 

छोड़कर ये लकीर का लेखा-जोखा 

बस मन को दृढ़ बनाना होता है 

मैंने तकदीर को भी पलटते देखा है 

जब सामने चट्टान सा हौसला खड़ा होता है।


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