Manisha Shaw
Inspirational
क्यों आजकल हर कोई
अपनी तकदीर पर रोता है
मिलना उसे वही है, जिसका बीज
उसने खुद से बोया होता है
छोड़कर ये लकीर का लेखा-जोखा
बस मन को दृढ़ बनाना होता है
मैंने तकदीर को भी पलटते देखा है
जब सामने चट्टान सा हौसला खड़ा होता है।
छलावा
जां तू मेरी
जुबान - ए - द...
ये जग की बात ...
इश्क हुआ ही न...
तकदीर का रोना
आज की दुनिया
लिखना जरूरी ह...
जुगनू जैसी उम...
तुम कहाँ जा र...
मृत्यु उपरांत कुछ भी ना होगा, अध्यात्म रतन तू साथ ले जा।। मृत्यु उपरांत कुछ भी ना होगा, अध्यात्म रतन तू साथ ले जा।।
नमन है उन बहनों को जिनका भाई वीर जवान है। नमन है उन बहनों को जिनका भाई वीर जवान है।
संकल्प अतीत की भूलों का नर में नरेंद्र का पुरुषार्थ लिखूँगा।। संकल्प अतीत की भूलों का नर में नरेंद्र का पुरुषार्थ लिखूँगा।।
समय आएगा ही थमी सी ज़िन्दगी दौड़ेगी फिर से।। समय आएगा ही थमी सी ज़िन्दगी दौड़ेगी फिर से।।
पूर्व से पश्चिम दक्षिण उत्तर में भारत भारत अब हर्षाएगा। पूर्व से पश्चिम दक्षिण उत्तर में भारत भारत अब हर्षाएगा।
हमारी आँखें बस वही देखती हैं, जो हमारे मन की आँखें दिखाना चाहती हैं। हमारी आँखें बस वही देखती हैं, जो हमारे मन की आँखें दिखाना चाहती हैं...
हिम्मत कितनी तुझ में है? क्या सिंह गर्जना सुन पायेगा? हिम्मत कितनी तुझ में है? क्या सिंह गर्जना सुन पायेगा?
द्वारपाल बने थे जो बलि के स्वयं, पाताल लोक में जाकर उसके साथ। द्वारपाल बने थे जो बलि के स्वयं, पाताल लोक में जाकर उसके साथ।
इस पर सब धर्म निछाव चांदी जैसी शुभ्र अहिंसा इस पर सब धर्म निछाव चांदी जैसी शुभ्र अहिंसा
कौन सी धारा में जाएगा, शिक्षा होगी सबके लिए अनिवार्य और निशुल्क कौन सी धारा में जाएगा, शिक्षा होगी सबके लिए अनिवार्य और निशुल्क
होगी आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की भी सिद्धि। होगी आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की भी सिद्धि।
ऐ मेरे वतन, ऐ मेरे देश .! तू ही मेरा संकल्प, तू ही मेरा संदेश । ऐ मेरे वतन, ऐ मेरे देश .! तू ही मेरा संकल्प, तू ही मेरा संदेश ।
लिपटी तिरंगे देह पर, फख्र करना सीख ले।। लिपटी तिरंगे देह पर, फख्र करना सीख ले।।
समाज की तस्वीर का बखान क्या करें साहब ? समाज की तस्वीर का बखान क्या करें साहब ?
निज जननी पर आँच, कभी ना आने पाये। निज जननी पर आँच, कभी ना आने पाये।
सदा झंडा ऊंचा रहे हमारा जय हिन्द ! जय हिन्द ! सदा झंडा ऊंचा रहे हमारा जय हिन्द ! जय हिन्द !
वात्सल्य से अभिभूत मातृशक्ति। राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्र भक्ति। वात्सल्य से अभिभूत मातृशक्ति। राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्र भक्ति।
आखिर मुसाफ़िर है हम कभी ना कभी तो साथ छुटना है। आखिर मुसाफ़िर है हम कभी ना कभी तो साथ छुटना है।
मुझे बस एक मौका दे दो, खुद को संवारने और हमवतन, हमसफ़र को संवारने का। मुझे बस एक मौका दे दो, खुद को संवारने और हमवतन, हमसफ़र को संवारने का।
तुम से होली रंगों वाली, तुमसे रोशन दीवाली है। गुरु पर्व मनाते और ईद तुम से होली रंगों वाली, तुमसे रोशन दीवाली है। गुरु पर्व मनाते और ईद